बदलना आता नहीं हमको मौसमों की तरह; हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं; न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक; कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
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बदलना आता नहीं हमको मौसमों की तरह; हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं; न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक; कसम तुम्हारी तुम्हें इतना प्यार करते हैं।
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