मेरी राहों के जो जुगनू हैं वो तेरे हैं; तेरी राहों के जो अँधेरे हैं वो मेरे हैं; छू सकता नहीं कोई ग़म तुझको; क्योंकि तुझ पर दुआयों के जो पहरे हैं वो मेरे हैं। सालगिरह मुबारक!
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मेरी राहों के जो जुगनू हैं वो तेरे हैं; तेरी राहों के जो अँधेरे हैं वो मेरे हैं; छू सकता नहीं कोई ग़म तुझको; क्योंकि तुझ पर दुआयों के जो पहरे हैं वो मेरे हैं। सालगिरह मुबारक!
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