रब ना करे कभी तुम्हें खुशियों की कमी हो; तुम्हारे क़दमों के नीचे फूलों की ज़मीन हो; आँसू ना हो तुम्हारी आँखों में कभी; अगर हो तो वो खुशियों की नमी हो। सालगिरह मुबारक!
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रब ना करे कभी तुम्हें खुशियों की कमी हो; तुम्हारे क़दमों के नीचे फूलों की ज़मीन हो; आँसू ना हो तुम्हारी आँखों में कभी; अगर हो तो वो खुशियों की नमी हो। सालगिरह मुबारक!
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