कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं; क्या कहते हैं उस दौर को; जिसमे अनजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं।
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कुछ रिश्ते अनजाने में बन जाते हैं; पहले दिल से फिर ज़िंदगी से जुड़ जाते हैं; क्या कहते हैं उस दौर को; जिसमे अनजाने न जाने कब अपने बन जाते हैं।
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