सर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा है; तनहा रात में इंतज़ार कितना अलग सा है; धुंध बनी नक़ाब और छुपा लिया सितारों को; उनकी तन्हाई का अब एहसास कितना अलग सा है।
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सर्द मौसम का मज़ा कितना अलग सा है; तनहा रात में इंतज़ार कितना अलग सा है; धुंध बनी नक़ाब और छुपा लिया सितारों को; उनकी तन्हाई का अब एहसास कितना अलग सा है।
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