तुमसे क्या शिकवा ए दोस्त बेवफाई का जब मुझसे मेरा नसीब ही रूठ गया
सच तो ये है दोस्त मैं तो वो खिलौना हूँ जो बदनसीब खेल ही खेल में टूट गया
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तुमसे क्या शिकवा ए दोस्त बेवफाई का जब मुझसे मेरा नसीब ही रूठ गया
सच तो ये है दोस्त मैं तो वो खिलौना हूँ जो बदनसीब खेल ही खेल में टूट गया
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