हर धड़कन में एक राज़ होता है; बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है; जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की; हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
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हर धड़कन में एक राज़ होता है; बात को बताने का भी एक अंदाज़ होता है; जब तक ना लगे ठोकर बेवाफ़ाई की; हर किसी को अपने प्यार पर नाज़ होता है।
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