हर पल कुछ सोचते रहने की आदत हो गयी है; हर आहट पे चौंक जाने की आदत हो गयी है; तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा हिज्र की रातों के संग; हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
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हर पल कुछ सोचते रहने की आदत हो गयी है; हर आहट पे चौंक जाने की आदत हो गयी है; तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा हिज्र की रातों के संग; हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
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