हर सपना खुशी पाने से पूरा नही होता कोइ किसी के बिन अधुरा नहि होता
जो चांद रौशन करता है रात भर सब को हर रात वह भी तो पूरा नहि होता
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हर सपना खुशी पाने से पूरा नही होता कोइ किसी के बिन अधुरा नहि होता
जो चांद रौशन करता है रात भर सब को हर रात वह भी तो पूरा नहि होता
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