फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने; उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने; वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी; समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
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फ़र्ज़ था जो मेरा निभा दिया मैंने; उसने माँगा वो सब दे दिया मैंने; वो सुनके गैरों की बातें बेवफ़ा हो गयी; समझ के ख्वाब उसको आखिर भुला दिया मैंने।
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