तूफ़ान में बिखरते चले गए; तन्हाई की गहराईयों में उतरते चले गए; जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तों के साथ; एक-एक कर सब दूर होते चले गए।
Like (0) Dislike (0)
तूफ़ान में बिखरते चले गए; तन्हाई की गहराईयों में उतरते चले गए; जन्नत थी हर शाम जिन दोस्तों के साथ; एक-एक कर सब दूर होते चले गए।
Your Comment