दोस्त हैं तो आँसुओं की भी शान होती है; दोस्त ना हो तो महफ़िल भी शमशान होती है; सारा खेल तो दोस्ती का है; वरना अरथी और बारात एक समान होती है।
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दोस्त हैं तो आँसुओं की भी शान होती है; दोस्त ना हो तो महफ़िल भी शमशान होती है; सारा खेल तो दोस्ती का है; वरना अरथी और बारात एक समान होती है।
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