Home
Aapka Swagat Hai
Shayari Bazar
Mai
Toggle navigation
Menu
English
Punjabi
Hindi
Urdu
Haryanvi
Two-lines
Riddles
Sms
Facebook Status
Jokes
Quotes
Catholic
Home
Hindi
Maa Shayari
न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है
न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है
न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है न किताबें बोल पाती हैं
मेरे दर्द के थे दो गवाह दोनों बे-जुबान निकले
Like
(
3
)
Dislike
(
0
)
Share
Related Post
बेशक थोड़ा इंतजार मिला हमको; पर
आंसू बहें तो एहसास होता है;
महक दोस्ती की इश्क़ से कम
वादा करते हैं दोस्ती निभायेंगे; कोशिश
फसलों से इंतज़ार बढा करता है;
हर दूरी मिटानी पड़ती है; हर
रिश्तों से बड़ी चाहत क्या होगी;
रेत की जरूरत रेगिस्तान को होती
तेरी दोस्ती हम इस तरह निभाएँगे;
जिँदगी मे दोस्त बहुत कम मिलेँगे
Your Comment
Login
Your Comment