सोचा न था कभी ऐसी दोस्ती होगी; साथ मेरे आप लोगों जैसी हस्ती होगी; जन्नत की गलियों के ख्वाब क्यों देखूं; अगर हम सारे दोस्त साथ होंगे तो हर साल में भी मस्ती होगी।
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सोचा न था कभी ऐसी दोस्ती होगी; साथ मेरे आप लोगों जैसी हस्ती होगी; जन्नत की गलियों के ख्वाब क्यों देखूं; अगर हम सारे दोस्त साथ होंगे तो हर साल में भी मस्ती होगी।
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