अपनी यादें... अपनी यादें अपनी बातें लेकर जाना भूल गये; जाने वाले जल्दी में मिलकर जाना भूल गये; मुड़-मुड़ कर देखा था जाते वक़्त रास्ते में उन्होंने; जैसे कुछ जरुरी था जो वो हमें बताना भूल गये; वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था हमारी बेबसी पर; उनके आंसू तो वहीं रह गये वो बाहर ही आना भूल गये।

Your Comment Comment Head Icon

Login