आज किसी ने बातों बातों में... आज किसी ने बातों बातों में जब उन का नाम लिया; दिल ने जैसे ठोकर खाई दर्द ने बढ़कर थाम लिया; घर से दामन झाड़ के निकले वहशत का सामान न पूछ; यानी गर्द-ए-राह से हमने रख़्त-ए-सफ़र का काम लिया; दीवारों के साये-साये उम्र बिताई दीवाने; मुफ़्त में तनासानि-ए-ग़म का अपने पर इल्ज़ाम लिया; राह-ए-तलब में चलते चलते थक के जब हम चूर हुए; ज़ुल्फ़ की ठंडी छांव में बैठे पल दो पल आराम लिया; होंठ जलें या सीना सुलगे कोई तरस कब खाता है; जाम उसी का जिसने ताबाँ जुर्रत से कुछ काम लिया।

Your Comment Comment Head Icon

Login