जलाया आप हमने... जलाया आप हमने जब्त कर-कर आहे-सोजां को; जिगर को सीना को पहलू को दिल को जिस्म को जां को; हमेशा कुंजे-तन्हाई में मूनिस हम समझते है; अलम को यास को हसरत को बेताबी को हुरमां को; जगह किस-किस को दूं दिल में तेरे हाथों से ऐ कातिल; कटारी को छुरी को बांक को खंजर को पैकां को; न हो जब तू ही ऐ साकी भला फिर क्या करे कोई; हवा को अब्र को गुल को चमन को सहन-ए-बस्तां को; बनाया ऐ जफर खालिक ने जब इंसान से बेहतर; मलक को देव को जिन को परी को हूरो-गिलमां को।

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