ज़िन्दगी से यही ग़िला... ज़िन्दगी से यही ग़िला है मुझे; तू बहुत देर से मिला है मुझे; हमसफ़र चाहिए हुजूम नहीं; मुसाफ़िर ही काफ़िला है मुझे; दिल धड़कता नहीं सुलगता है; वो जो ख़्वाहिश थी आबला है मुझे; लबकुशा हूँ तो इस यक़ीन के साथ; क़त्ल होने का हौसला है मुझे; कौन जाने कि चाहतों में फ़राज़ ; क्या गँवाया है क्या मिला है मुझे।

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