दर्द अपनाता है... दर्द अपनाता है पराए कौन; कौन सुनता है और सुनाए कौन; कौन दोहराए वो पुरानी बात; ग़म अभी सोया है जगाए कौन; वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं; कौन दुख झेले आज़माए कौन; अब सुकूँ है तो भूलने में है; लेकिन उस शख़्स को भुलाए कौन; आज फिर दिल है कुछ उदास उदास; देखिये आज याद आए कौन।

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