दर्द से मेरा दामन... दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह; फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह; मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे; रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह; सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके; सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह; या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे; या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह।

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