पहले तो अपने दिल की... पहले तो अपने दिल की रज़ा जान जाइए; फिर जो निगाह-ए-यार कहे मान जाइए; पहले मिजाज़-ए-राहगुजर जान जाइए; फिर गर्द-ए-राह जो भी कहे मान जाइए; कुछ कह रहीं हैं आपके सीने की धड़कनें; मेरी सुनें तो दिल का कहा मान जाइए; इक धूप सी जमी है निगाहों के आसपास; ये आप हैं तो आप पे कुर्बान जाइए; शायद हुजूर से कोई निस्बत हमें भी हो; आँखों में झांककर हमें पहचान जाइए!

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