मिली दौलत मिली शोहरत मिली दौलत मिली शोहरत मिला है मान उसको क्यों; मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है; किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे; जीने का नजरिया फिर उसका बदल जाता है; चेहरे की हकीकत को समझ जाओ तो अच्छा है; तन्हाई के आलम में ये अक्सर बदल जाता है; किसको दोस्त माने हम और किसको गैर कह दें हम; जरुरत पर सभी का जब हुलिया बदल जाता है; दिल भी यार पागल है ना जाने दीन दुनिया को; किसी पत्थर की मूरत पर अक्सर मचल जाता है; क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ; जितना दर्द मिलता है ये उतना संभल जाता है।

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