मोहब्बतों में दिखावे की...मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला;अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला;घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे;बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला; तमाम रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था;फ़िर उस के बाद मुझे कोई अजनबी न मिला;ख़ुदा की इतनी बड़ी कायनात में मैनें;बस एक शख्स को माँगा मुझे वही न मिला; बहुत अजीब है ये नजदीकियों की दूरी भी; वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी न मिला।
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