रूह प्यासी... रूह प्यासी कहाँ से आती है; ये उदासी कहाँ से आती है; दिल है शब दो का तो ऐ उम्मीद ; तू निदासी कहाँ से आती है; शौक में ऐशे वत्ल के हन्गाम; नाशिफासी कहाँ से आती है; एक ज़िन्दान-ए-बेदिली और शाम; ये सबासी कहाँ से आती है; तू है पहलू में फिर तेरी खुशबू; होके बासी कहाँ से आती है।

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