हवा का ज़ोर भी...हवा का ज़ोर भी काफ़ी बहाना होता है;अगर चिराग किसी को जलाना होता है;ज़ुबानी दाग़ बहुत लोग करते रहते हैं;जुनूँ के काम को कर के दिखाना होता है;हमारे शहर में ये कौन अजनबी आया;कि रोज़ सफ़र पे रवाना होता है;कि तू भी याद नहीं आता ये तो होना था;गए दिनों को सभी को भुलाना होता है।
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