सुबह काफी हो चुकी है अब चिराघ बुझा दीजिये; एक हसीं दिन राह देखता है आपकी; बस पलकों के परदे उठा लीजिये! शुभ दिवस!
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सुबह काफी हो चुकी है अब चिराघ बुझा दीजिये; एक हसीं दिन राह देखता है आपकी; बस पलकों के परदे उठा लीजिये! शुभ दिवस!
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