एक नूर सा आज मेरे देश पे बरस्ता है; जिसे देख आसमां भी तरसता है; सूरज भी इस बात से हैरां है कि आज; भारत मेरे जैसा कैसे चमकता है। शुभ दीपावली!
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एक नूर सा आज मेरे देश पे बरस्ता है; जिसे देख आसमां भी तरसता है; सूरज भी इस बात से हैरां है कि आज; भारत मेरे जैसा कैसे चमकता है। शुभ दीपावली!
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