कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे
ऐसा कर मालिक अब मेरी हस्ती मिटा दे,
यूँ घुट घुट के जीना मौत से बद्तर है,
कभी ना खुले आँखे तू ऐसी नींद सुला दे...
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कितना और दर्द देगा बस इतना बता दे
ऐसा कर मालिक अब मेरी हस्ती मिटा दे,
यूँ घुट घुट के जीना मौत से बद्तर है,
कभी ना खुले आँखे तू ऐसी नींद सुला दे...
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