क्यों मरते हो यारो बेवफा सनम के लिए; दो गज़ ज़मीन भी नहीं मिलेगी तेरे दफ़न के लिए; मरना है तो मरो अपने वतन के लिए; हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए।
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क्यों मरते हो यारो बेवफा सनम के लिए; दो गज़ ज़मीन भी नहीं मिलेगी तेरे दफ़न के लिए; मरना है तो मरो अपने वतन के लिए; हसीना भी दुपट्टा उतार देगी तुम्हारे कफ़न के लिए।
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