तमाम उम्र नमक-ख़्वार थे ज़मीं के हम; वफ़ा सरिश्त में थी हो रहे यहीं के हम। शब्दार्थ: सरिश्त = जन्मजात गुणवत्ता
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तमाम उम्र नमक-ख़्वार थे ज़मीं के हम; वफ़ा सरिश्त में थी हो रहे यहीं के हम। शब्दार्थ: सरिश्त = जन्मजात गुणवत्ता
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