प्यार के उजाले में गम का अंधेरा क्युँ है
जिसको हम चाहें वही रूलाता क्युँ है
मेरे रबा अगर वो मेरा नसीब नही तो
ऐसे लोगों से हमें मिलाता क्युँ है
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प्यार के उजाले में गम का अंधेरा क्युँ है
जिसको हम चाहें वही रूलाता क्युँ है
मेरे रबा अगर वो मेरा नसीब नही तो
ऐसे लोगों से हमें मिलाता क्युँ है
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