मैं डुबा तो किनारे पे खडी थी दुनीया
हसने वालो में मेरा मुक्कदर भी शामिल था
रो रहा था जो जनाज़े से लिपट कर मेरे
कैसे कह दूँ की वही मेरा कातिल था
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मैं डुबा तो किनारे पे खडी थी दुनीया
हसने वालो में मेरा मुक्कदर भी शामिल था
रो रहा था जो जनाज़े से लिपट कर मेरे
कैसे कह दूँ की वही मेरा कातिल था
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