लोग अपना बना के छोड़ देते हैं अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं
हम तो एक फूल ना तोड़ सके नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं
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लोग अपना बना के छोड़ देते हैं अपनों से रिशता तोड़ कर गैरों से जोड़ लेते हैं
हम तो एक फूल ना तोड़ सके नाजाने लोग दिल कैसे तोड़ देते हैं
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