वक़्त नूर को बेनूर बना देता है
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है
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वक़्त नूर को बेनूर बना देता है
छोटे से जख्म को नासूर बना देता है
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है
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