सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है; मगर जब गुफ़्तगू करता है चिंगारी निकलती है; लबों पर मुस्कुराहट दिल में बेज़ारी निकलती है; बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है।
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सियासी आदमी की शक्ल तो प्यारी निकलती है; मगर जब गुफ़्तगू करता है चिंगारी निकलती है; लबों पर मुस्कुराहट दिल में बेज़ारी निकलती है; बड़े लोगों में ही अक्सर ये बीमारी निकलती है।
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