हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं
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हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में
वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं
बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें
वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं
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