अपने आनंद से पुनः जुड़ने से महत्त्वपूर्ण और कुछ भी नहीं है। कुछ भी इतना समृद्ध नहीं है कुछ भी इतना वास्तविक नहीं है।
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अपने आनंद से पुनः जुड़ने से महत्त्वपूर्ण और कुछ भी नहीं है। कुछ भी इतना समृद्ध नहीं है कुछ भी इतना वास्तविक नहीं है।
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