ताश के पत्तों से ताज महल नहीं बनता; नदी को रोकने से समुंदर नहीं बनता; लड़ते रहो ज़िन्दगी से हरपल; क्योंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता!
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ताश के पत्तों से ताज महल नहीं बनता; नदी को रोकने से समुंदर नहीं बनता; लड़ते रहो ज़िन्दगी से हरपल; क्योंकि एक जीत से कोई सिकंदर नहीं बनता!
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