मनुष्य सुख की खोज में अपने जीवन को असंतुलित कर लेता है परन्तु वो ये नहीं जानता कि सुख का असली आधार तो संतुलित जीवन ही होता है।
Like (0) Dislike (0)
मनुष्य सुख की खोज में अपने जीवन को असंतुलित कर लेता है परन्तु वो ये नहीं जानता कि सुख का असली आधार तो संतुलित जीवन ही होता है।
Your Comment