व्यक्ति को सदा यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राजा की तरह है; जो शरीर इंद्रियों मन बुद्धि और जो भी प्रकृति से बना है; इन सबसे भिन्न है आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है।
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व्यक्ति को सदा यह समझना चाहिए कि आत्मा एक राजा की तरह है; जो शरीर इंद्रियों मन बुद्धि और जो भी प्रकृति से बना है; इन सबसे भिन्न है आत्मा इन सबका साक्षी स्वरुप है।
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