सफलता चलकर नहीं आती हमें उस तक पहुँचना पड़ता है। ठीक उसी तरह जिस तरह भगवान् ने हर पंक्षी के लिए भोजन तो दिया है पर उसके घोंसले में नहीं।
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सफलता चलकर नहीं आती हमें उस तक पहुँचना पड़ता है। ठीक उसी तरह जिस तरह भगवान् ने हर पंक्षी के लिए भोजन तो दिया है पर उसके घोंसले में नहीं।
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