ख़ुशी का पल मुट्ठी में बंद रेत की तरह है जितना इसे पकड़ने का प्रयास करो उतना ही हाथ से फिसल जाता है। इसे पकड़े नहीं इसका आनंद लें।
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ख़ुशी का पल मुट्ठी में बंद रेत की तरह है जितना इसे पकड़ने का प्रयास करो उतना ही हाथ से फिसल जाता है। इसे पकड़े नहीं इसका आनंद लें।
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