किसी के दिल को ठेस पहुँचा कर माफ़ी माँगना बहुत ही आसान है लेकिन किसी से चोट खाकर किसी को माफ़ करना बहुत ही मुश्किल है।

जो आपकी ख़ामोशी से आपकी तकलीफ का अंदाजा न लगा सके; उसके सामने तकलीफ का जुबाँ से इज़हार करना सिर्फ लफ्जों को जाया करना है।

काम करो ऐसा कि पहचान बन जाये; हर कदम चलो ऐसे कि निशान बन जायें; यह जिंदगी तो सब काट लेते हैं; जिंदगी ऐसे जियो कि मिसाल बन जाये!

एक निर्णय को लेने से पहले हज़ार बार सोचो लेकिन एक बार निर्णय लेने के बाद चाहे एक हजार मुश्किलें आ जाए कभी भी पीछे मत मुड़ना।

अपने दिल को पत्थर का बनाकर रखना; हर चोट के निशान को सजाकर रखना; उड़ना हवा में खुलकर लेकिन; अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना!

जब छोटे थे तब बड़े होने की बड़ी चाहत थी! पर अब पता चला कि: अधूरे एहसास और टूटे सपनों से; अधूरे होमवर्क और टूटे खिलौने अच्छे थे!

संतुलित दिमाग जैसी कोई सादगी नहीं है संतोष जैसा कोई सुख नहीं है लोभ जैसी कोई बीमारी नहीं है और दया जैसा कोई पुण्य नहीं है।

दूसरों की अपेक्षा यदि आपको सफलता देर से मिले तो निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि मकान बनने से ज्यादा समय महल बनने में लगता है।

ख़ुशी का पल मुट्ठी में बंद रेत की तरह है जितना इसे पकड़ने का प्रयास करो उतना ही हाथ से फिसल जाता है। इसे पकड़े नहीं इसका आनंद लें।

एक सफल व्यक्ति और अन्य लोगों में साहस का अंतर नहीं होता न ही ज्ञान का अंतर होता है। अंतर होता है तो इच्छा शक्ति का अंतर होता है।

रहने दे आसमान ज़मीन की तलाश कर; सब कुछ यहीं है ना ना कहीं और तलाश कर; हर आरजू पूरी हो तो जीने का क्या मज़ा; जीने के लिए बस वजह की तलाश कर!

छोटी सी ज़िंदगी है हस के जियो; भुला के सारे ग़म दिल से जियो। उदासी में क्या रखा है मुस्कुरा के जियो; अपने लिए ना सही अपनों के लिए जियो।

जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है; पिता: जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो। माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो।

​केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है​ स्वयं के साथ ईमानदारी आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है​।

जिस व्यक्ति के हृदय में दया और प्रेम बसते हैं; जिसका मुख सदैव अमृतवाणी बोलता है; और जिसके नेत्रों में विनय दिखता है; वही श्रेष्ठ मानव है।