आप किसी विषय का बहुत ज्ञान हासिल करना चाहते हैं; तो इसे दूसरों को सिखाना शुरू कर दीजिये।

शारीरिक वीरता एक पाशविक प्रवृत्ति है। मनुष्य की असली वीरता तो मानसिक और नैतिक होती है।

किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता; शायद अब घर से कोई माँ के पैर छू कर नहीं निकलता।

आत्मविश्वास के बिना किसी काम में सफल होने की कल्पना करना अपने आप को धोखा देने के समान है।

आस्था पहाड़ों को भी हिला सकती है बस आपको धक्का देने की ज़रूरत है जब आप प्रार्थना कर रहे हों।

घर में स्वयं को सबसे अच्छा नहीं घर के हर सदस्य को अपने से अच्छा माने इसी से घर अच्छा बनेगा।

जो बात दिल में है उसे बोलने की हिम्मत रखो और जो बात किसी के दिल में है उसको समझने की समझ रखो।

प्रतिभा का विकास शांत वातावरण में होता है; और चरित्र का विकास मानव जीवन के तेज प्रवाह में।

जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये; फूल शाख से न तोड़िए खुशबुओं से प्यार कीजिये!

स्वास्थ्य सबसे बड़ी दौलत है; संतोष सबसे बड़ा खजाना है; और आत्म -विश्वास सबसे बड़ा मित्र है।

अगर इंसान को पाना है तो सियासत की सीख चाहिए! क्योंकि शराफ़त से तो खुदा ही मिलता है इंसान नहीं!

किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए; सीधे वृक्ष और व्यक्ति पहले काटे जाते हैं।

सभा में जो दूसरे लोगों के व्यक्तिगत दोषों को दिखाता है वह वास्तव में अपने दोष को दिखाता है।

केवल कर्महीन ही ऐसे होते हैं जो भाग्य को कोसते हैं; और जिनके पास शिकयतों का बाहुल्य होता है।

शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का।