दूसरे धर्मो की निंदा करना गलत है। सच्चा व्यक्ति वह है जो दूसरे धर्मो की भी हर उस बात का सम्मान करता है जो सम्मान के लायक है।
दूसरे धर्मो की निंदा करना गलत है। सच्चा व्यक्ति वह है जो दूसरे धर्मो की भी हर उस बात का सम्मान करता है जो सम्मान के लायक है।
वक़्त से लड़ कर जो नसीब बदल दे इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे; कल क्या होगा कभी ना सोचो क्या पता कल वक़्त खुद अपनी तस्वीर ही बदल दे।
ये जरुरी नहीं है कि हर रोज मंदिर जाने से इंसान धार्मिक बन जाए; लेकिन कर्म ऐसे होने चाहिए कि इंसान जहाँ भी जाए मंदिर वहाँ बन जाए।
खुशियाँ मिलती नहीं मांगने से; मंजिल मिलती नहीं रह पे रूकने से; हमेशा भरोसा रखना ऊपर-वाले पर; वो हर नयामत देता है सही वक़्त आने पर।
जिंदगी में आसानी से प्राप्त चीज़ें ज्यादा समय तक नहीं टिकती; और जो चीजें ज्यादा समय तक टिकती हैं वे आसानी से प्राप्त नहीं होती।
जवानी को जिंदगी की निखार कहते हैं; पतझड़ को चमन का मजधार कहते हैं; अजीब चलन है दुनियां का यारों; एक धोखा है जिसे हम सब प्यार कहते हैं!
मुसीबत और ख़ुशी बिना किसी अपॉइंटमेंट के आ जाती है इसलिए अपने आप को इतना तैयार रखो कि मुसीबत के समय होश और ख़ुशी के समय जोश कायम रहे।
धन-समृद्धि से युक्त बड़े बड़े राज्यों के राजा-महाराजों की तुलना भी उस चींटी से नहीं की जा सकती है जिसमे में ईश्वर का प्रेम भरा हो।
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता; जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता; हार को लक्ष्य से दूर ही रखना; क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता।
अच्छा हृदय और अच्छा स्व्भाव दोनों आवश्यक हैं। अच्छे हृदय से रिश्ते बनते हैं और अच्छे स्वभाव से वे रिश्ते जीवन भर साथ निभाते हैं।
रात नहीं ख़्वाब बदलता है; मंजिल नहीं कारवां बदलता है! जज्बा रखें हरदम जीतने का; क्योंकि किस्मत चाहे बदले न बदले वक़्त जरुर बदलता है!
जिंदगी में दो लोगों का ख्याल रखना बहुत जरुरी है! पिता: जिसने तुम्हारी जीत के लिए सब कुछ हारा हो! माँ: जिसको तुमने हर दुःख में पुकारा हो!
मीठा बोलिए क्योंकि अलफ़ाज़ में भी जान होती है; इन्हीं से दुआ व अज़ान होती है; ये दिल के समंदर के वो मोती हैं; जिनसे इंसान की पहचान होती है।
लोग जितना आप कल्पना करते हैं उससे ज्यादा क्षमादायक हो सकते हैं। पर आप को अपने आप को माफ़ करना होगा। अपने कड़वाहट को जाने दो और आगे बढ़ो।
ज़िंदगी में हमेशा सबकी जरूरत रखो पर कभी किसी की कमी नहीं। क्योंकि जरूरत और कोई भी पूरी कर सकता है; पर किसी की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।