श्रद्धा और सम्मान के दो अलग बातें हैं।
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जिसने गर्व किया उसका पतन अवश्य हुआ है।
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श्रद्धा और सम्मान ये दो अलग बातें हैं।
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अनमोल वचन: मिथ बोलने से शुगर नहीं होती।
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स्वार्थवश मनुष्य दोषों को नहीं देखता।
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मनुष्य अपने आनंद का निर्माता स्वयं है।
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आशावादी बनिए इससे बेहतर महसूस होता है।
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अंतर्ज्ञान दर्शन की एक मात्र कसौटी है।
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ईर्ष्या और क्रोध जीवन को छोटा करते हैं।
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सफलता सच में किस्मत और मेहनत का संगम है।
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आप विलम्ब कर सकते हैं पर समय नहीं करेगा।
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जिसके पास धैर्य है वो जो चाहे पा सकता है।
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क्रोधित लोग हमेशा बुद्धिमान नहीं होते।
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आत्मविश्वास संक्रामक है और इसकी कमी भी।
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अभिमान की जीत से नम्रता जाग्रत् होती है।
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