मौसम भी है उम्र भी शराब भी है; पहलू में वो रश्के-माहताब भी है; दुनिया में अब और चाहिए क्या मुझको; साक़ी भी है साज़ भी है शराब भी है।
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मौसम भी है उम्र भी शराब भी है; पहलू में वो रश्के-माहताब भी है; दुनिया में अब और चाहिए क्या मुझको; साक़ी भी है साज़ भी है शराब भी है।
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