कुछ दिन से मेरे सामने आते नहीं हो तुम; आँखों में नूर बन के समाते नहीं हो तुम; सो रहा है गहरी नींद में एक उम्र से; इस बे-खबर को आ कर जगाते नहीं हो तुम।
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कुछ दिन से मेरे सामने आते नहीं हो तुम; आँखों में नूर बन के समाते नहीं हो तुम; सो रहा है गहरी नींद में एक उम्र से; इस बे-खबर को आ कर जगाते नहीं हो तुम।
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