नज़रों को तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है; अब मुझे किसी का इंतजार नहीं है; खामोश अगर हूँ ये अंदाज है मेरा; मगर तुम ये नहीं समझना कि मुझे प्यार नहीं है।
Like (0) Dislike (0)
नज़रों को तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है; अब मुझे किसी का इंतजार नहीं है; खामोश अगर हूँ ये अंदाज है मेरा; मगर तुम ये नहीं समझना कि मुझे प्यार नहीं है।
Your Comment