दुनियादारी की चादर ओढ़ रखी है
इसलिए चुप हॅु लेकिन जिस दिन दिमाग का पारा गर्म हुआ
इतिहास तो इतिहास भूगोल भी बदल के रख दूँगा
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दुनियादारी की चादर ओढ़ रखी है
इसलिए चुप हॅु लेकिन जिस दिन दिमाग का पारा गर्म हुआ
इतिहास तो इतिहास भूगोल भी बदल के रख दूँगा
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